Call us: +91-9352572799

[email protected]

Donate Now

Upcoming Event:

  • 00

    days

  • 00

    hours

  • 00

    minutes

  • 00

    seconds

Call us: +91-9352572799

[email protected]

Delusion of Persecution

Delusion of Persecution

लगभग एक साल पहले की बात है, जैसे ही वो मेरे दफ्तर घुसा, बोलने लगा कि श्रीमान मुझे बचा लो, वो मुझे मार डालेगें। उसके साथ उसके घरवाले भी थे और उन्होंने बताया कि ये आजकल बिलकुल डरे हुए रहते हैं और इनको लगता है कि उन्हीं के गांव का पड़ोसी उन्हें मार देगा। पूछने पर मरीज ने बताया की उस के मुँह से उनके पड़ोसी के बारे में कुछ गलत निकल गया और वो उसे पता लग गया है। तब से ही वो लोग मिल के मुझे मारना चाहतें हैं और मुझे उन से बचा लो। उसने आगे बताया की जब पिछली बार में जब जयपुर आया था तब उन्होंने अपनी गाड़ी से मेरा पीछा भी किया था। मैं जिस बस प्रतीक्षालय में रुका वो भी वहीँ रुके और उसी चाय की थड़ी पर चाय पीयी जिस पर मैंने पीयी थी। वो उस चाय वाले से कुछ पूछ भी रहे थे और मुझे विश्वास है कि उन्होनें मेरे बारे में ही पूछा होगा। फिर उन्होंने मेरी बस का पीछा भी किया लेकिन मैंने किसी तरह अपनी जान बचा ली। जब मैंने पूछा की आप के घरवाले तो ऎसा कुछ नहीं मानते हैं तो उसने बताया की उन्हें कुछ पता नहीं है और वो मुझे मार देगें। मैंने उसे समझाया, दवा लिखी और वो घर चले गये।

आज फिर वो दवा के लिये अपने बेटे के साथ आये। पिछले एक साल से वो लगातार दवा ले रहे हैं। उन्होंने बताया की अब वो घर पर भी ठीक से रहते हैं , अपनी खेती-बाड़ी भी संभाल लेते हैं। लेकिन जब मैंने पूछा की अब भी वो लोग आपको मारना चाहते हैं तो उनका जवाब हाँ ही था लेकिन साथ मैं ये भी कहा की शायद ऐसा ना भी हो। मैंने उनका डर दूर करने के लिए उनके बड़े भाई को टेलीफ़ोन किया और उनसे उसी व्यक्ति का टेलीफोन नंबर लिया जिस से वो डरता है और उसकी उनसे बात करवाई और खुद भी की और उनसे बोला भी की आप इनके (मरीज) घर जाकर इनका ये डर दूर करें। कुछ देर के लिए तो वो मान गया की अब सब ठीख है , लेकिन थोड़ी देर बाद फिर से बोलने लगे की वो तो पुलिस में हैं और हो सकता है आप को वो फोन पर झूठ बोल रहा हो।

इस लक्षण को Delusion of persecution कहते हैं। ये लक्षण बहुत सारी मानसिक बिमारियों में मिलता है जैसे Schizophrenia, Psychosis, Mania, Persistent Delusional Disorder, Depression । इसमें इंसान को ऐसे लगने लग जाता है कि कुछ लोग (जान पहचान वाले या अनजान) या कोई व्यक्ति विशेष मुझे या मेरे परिवार को मरना या नुकसान पहुंचना चाहते हैं। लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं होता है। बाकि लोगों के समझाने या इसको गलत सिद्ध करने पर भी ये विचार बना रहता है। मरीज अपनी बात को सही ठहराने के लिए वो इसके बहुत सारे तरीके बताते हैं जैसे उन्होंने मेरी हर एक गतिविधि को देखने के लिए घर में कैमरें लगवा दियें हैं या उसके शरीर में कोई चिप लगवा दी है या मोबाइल और उपग्रह से उसका पिछा कर रहे हैं। कई बार तो उन्हें ऎसा लगने लग जाता है कि वो जहाँ भी जाता है उनके लोग उसका पिछा करते हैं या फिर सारी दुनिया उन से मिली हुई है।

इन सब के चलते कई बार तो मरीज इतना डर जाता है कि वो अपनी जान बचाने के लिए घर से बाहर नहीं निकलता है और अपने साथ हथियार रखने शुरू कर देता है या फिर पुलिस में शिकायत तक दर्ज करवा देता है। कुछ परिस्थितियों में तो मरीज सामने वाले की हत्या तक कर देता है या फिर डर के चलते आत्महत्या तक कर लेता है।

इन बिमारियों की सबसे अच्छी बात ये है कि इन सब का बहुत ही अच्छा ईलाज है। समय पर ईलाज लेने पर ज्यादातर लोग ठीक हो जातें हैं। बस जरुरत है तो इन सब को पहचाने और समय पर ईलाज लेने की है। आइये हम सब मिलकर इन सब बिमारियों के बारे में जाने और लोगों को भी अवगत करायें।

Disclaimer

The Mindroot Foundation (“TMF”) is in the exclusive business of spreading awareness about mental health problems and substance use disorders and to address the stigma associated with them. We also screen (for mental health issues) those whom we deliver seminars and provide consultation if found to have mental health issues.