मेरी उम्र 61 वर्ष है , में राजस्थान रोडवेज में 1976 से कार्यरत था अब में रिटायर हो चूका हूँ। जब मैंने सर्विस ज्वाइन करी उसके बाद जो रोडवेज के कर्मचारी थे जो कि शराब पिया करते थे वे मेरे दोस्त बने, पता नहीं कब व कैसे मैंने भी ऑफिस टाइम के बाद पीना शुरू कर दिया। धीरे धीरे ये मेरी आदत बन गयी। फिर मेरे मन में ये बात घर कर गयी की अगर मैंने नहीं पी तो मुझे रत को नींद नहीं आएगी और में ऑफिस नहीं आ पाउँगा इस कारण चोरी छिपे मैंने घर पर रोज पीनी शुरू कर दी।
फिर में समाज से कट हो गया। में किसी भी सामाजिक कार्य में जाने में कतराता था अगर कहीं जाना बहुत जरुरी होता तो घर से पी कर ही जाता था और रिश्तेदारों से दूर ही रहता था क्यों कि मुझे डर रहता था की कहीं वे समझ नहीं जाएँ की मैंने पी रखी है। अब में रिटायर होने वाला था , मेरे बच्चे व् पत्नी मुझे शराब छोड़ने के लिए विवश करने लगे ऐंव मेरे न चाहने पर भी मुझे यहाँ ले आये। अब मैंने शराब छोड़ दी है , मेरी दूनिया ही बदल गयी है। आज में वापिस उसी समाज से जुड़ गया हूँ।